निषाद पार्टी ने कसी पंचायत चुनाव के बहाने आरक्षण की जंग

गोरखपुर| निषाद बिरादरी को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने को लेकर सरकार की मुहर लगवाने के लिए निषाद पार्टी ने कमर कस ली है। इसके लिए मौका तैयार किया है पंचायत चुनाव का और उसमें मुद्दा निषाद आरक्षण का होगा। पार्टी ने अपनी ताकत दिखाने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशी उतारने का एलान किया है। निषाद आरक्षण का मामला एक बार फिर तब गरमा गया जब प्रदेश सरकार ने 24 जून के शासनादेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कर लिया। मामला अदालत तक पहुंचा तो हाईकोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि सरकार ऐसा नहीं कर सकती है। जातियों के आरक्षण में बदलाव का अधिकार संसद को है। ऐसे में निषाद पार्टी अपनी रणनीति के तहत पंचायत चुनाव में अपना जनाधार दिखाना चाहती है। वह निषादों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में लाया जाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजने के लिए प्रदेश सरकार को मजबूर करना चाहती है। पार्टी सभी वर्गो को जोड़ने की रणनीति पर काम करेगी। निषाद बहुल इलाकों में तो निषाद समाज के प्रत्याशी को उतारेगी, दूसरे इलाकों में अन्य जातियों को भी मौका देगी।